संदेश

मार्च, 2018 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

आरती क्या है और किस तरह इसे करे [ Aarti & Process ]

चित्र
आरती को संस्कृत में 'आरात्रिक' कहा गया है| जो रात्रि के अंधकार को ख़तम करता है| कई जगह पर इसे 'नीराजन' नाम से भी बताया गया है| तमिल भाषा में इसे दीप और धुप आराधनाई के नाम से बताया गया है| आरती को संपूर्ण पूजा कहा गया है| अगर आप किसी भी प्रकार के कोई विशेष आयोजन अपने पूजा में न कर पाए फिर भी सिर्फ आरती से ही आप अपने पूजा को सम्पन्न कर सकते हैं, इसलिए आरती को छोटी सम्पूर्ण पूजा कहा जाता है| आरती मूल रूप से पांच चीजों से कि जाती है जैसे धुप, दीप, जलपूर्ण शंख, वस्त्र और फूल तथा आम या पीपल के पत्तों से| इसे पंच आरती कहते हैं क्यों कि यह पांच बस्तुओ के माध्यम से किया जाता है| कुछ जगह पर सप्त आरती करने कि भी प्रचलन है अर्थ्यात सात चीजों से आरती किया जाता है जेसे कर्पुर, चामर इत्यादि से भी| पर हम ज्यादातर जो आरती घर में करते हैं रोज पूजा के समय उसे धुप दीप आरती कहते हैं| धुप और दीप देवी देवता के सामने दिखाना यानि आरती करना ही ज्यादा प्रचलित आरती है| पंच और सप्त आरती मूल रूप से उत्सव या मंदिरों में ही ज्यादा किए जाते हैं| कुछ परिवार अपने पारम्पारिक नियम के अनुसरण करते हुए भी ...