आरती एक लोक पारम्परिक संस्कार है [ Aarti is a popular ancient traditional rite ]
वैदिक पूजा आराधना से बहुत पहले से ही आरती की परंपरा चलती आरही है, बाद में जब वैदिक संस्कृति का विकास हुआ तो आरती को भी वैदिक तरह से संस्कृत किये गए| आरती एक लोक पारम्परिक प्रथा है जिसमे तंत्र के परंपरा से भी सम्पर्कित है| यह पर आपको एक बात बताना बहुत जरुरी या की तंत्र को तांत्रिक से सम्पर्कित बिलकुल न करे असल में तंत्र का मतलब है किसी भी प्रकार के लिए जैसे की पूजा करना भी एक क्रिया है जिसमें धूप, दीप, पुष्प, अक्षत हम देयता को निवेदन करते हैं| आराधन पद्धति पहले क्रिया ही था केवल को बाद में मन्त्र से जोड़ा गया है| आम लोगों की आराधना पद्धति को लेकर भी तंत्र यानि आराधना पद्धति| अगम शास्त्रों में इसी तरह के आराधना पद्धतियों के बारे में बतया गया है, जैसे वैष्णव आगम, शैव आगम, शाक्त आगम| आरती आर्यों के आने से पहले से ही आम लोगों के द्वारा पालन किये जानेवाले लौकिक आराधना पद्धति है| इसलिए अगर देखा जाए तो आज भी आरती मूल रूप से धूप और दीप से ही होती हैं, बाकि चीजे उसके समय के साथ साथ और कई समुदाय के प्रभाव से जुड़ते गए| जैसे अगर आज की पंच आरती पद्धति की बात करें तो यह भागवत पूजा पद्धति से कभी प्रभाबित हुआ है| आर्यों ने जब पहले अपना डेरा यहाँ जमाया तो वह भी बस होम और यज्ञ क्रिया ही करते थे| पर आरती उनके बहुत पहले से पालन किये जाने वाले आराधना पद्धति था तो मूल रूप से अनार्य के द्वारा ही पालन किया जाता था| आर्य पहले अनार्य संस्कृति के रीती नियम को अपनाने के लिए उतना उत्साहित बिलकुल नहीं थे पर बाद में उन्होंने इसे इसके सहजता और सुंदरता को देखते हुए अपनाया क्यों के इंसान के मनो प्रबित्ति ऐसे ही है की वह कठिनाई के साथ बहुत से समय बिना नहीं पता हैं और सरल और सहजता की खोज करता है, इसलिए आर्यो के बाद में अपने अनार्य संस्कृति के कई सरे परंपरा को अपनाया और उसे और भी संस्कृत किया जो की आज हमारे संस्कृति का हिस्सा है| अगर हम देखे तो आज हम पूजा अर्चना में आरती ही ज्यादा करते हैं नाकि होम और यज्ञ, अगर हवन करते भी है तो वह पूजा के अंश के रूप में भी| पर दूसरी ओर अगर देखे तो देखंगे की आरती एक स्वतंत्र सम्पूर्ण पूजा पद्धति है, इसलिए सिर्फ आरती करके भी संपूर्ण पूजा हो सकती है| आरती की स्वतंत्रता उसके प्राचीन आराधना पद्धति को ही दर्शाता है जो आज हमारे संस्कृति का एक अहम हिस्सा है|

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