घर पे ऐसे करें तुलसी पूजा आरती [ How to do tulsi puja aarti at home ]
आजकल समय के साथ साथ बहुत कुछ बदल चूका है पर आज भी हम हम घर पे आरती और पूजा करना चाहते ही है, क्योंकि यह हमारे मन को शांति और धीरज प्रदान करता है| इसलिए हम आज भी काम पे जाने से पहले हो या दिनचर्या शुरू करने से पहले ही क्यों न हो आरती या संक्षिप्त पूजा करना जरूर चाहते हैं | पहले पूजा और आरती अनुष्ठान महिलाय ज्यादा पालन करती थी इसके पीछे कारण यह था कि वो घर पे रहकर ही काम करते थे और इन सारे माध्यम से अपने आनंद को पा लेते थे| पर आज जमाना बहुत बदल गया है और सबको काम के लिए या फिर पढ़ाई के लिए बहार जाना ही होता है| यह सब चीजें होते हुए भी मन में पूजा करने कि इच्छा रहती ही है| इसलिए आइये जानते हैं तुलसी पूजा करने कि सबसे सरल विधि| अगर आप घर पे अलग से मंदिर या पूजा घर नहीं बना पाए हैं तो सिर्फ तुलसी पूजा भी कर सकते हैं| और यह पूजा कोई भी कर सकता है|
सबसे पहले आप एक तुलसी की पौधे को अपने घर में लगा ले किसी गमले में| गमला मिटटी का हो सकता है, पीतल या चीनी मिटटी का भी| आप कहें तो अपने मनपसंद पौधा ले सकते हैं जैसे राम तुलसी यानि हरे पत्तेवाले तुलसी या फिर श्याम तुलसी यानि काले पत्तेवाले तुलसी| वैसे काले तुलसी के पत्ते बहुत ही गुणकारी मानी जाती हैं| तुलसी अगर आप अपने घर पे रखते हैं तो आपको 24 घंटे ही ऑक्सीज़न मिलता रहेगा और कई तरह के कीटाणु भी नष्ट हो जाता है इसके हवा से| इसलिए तुलसी को धार्मिक ही नहीं वैज्ञानिक तौर पर भी महत्वपूर्ण मन गया है| आजकल हम ज्यादातर छोटे घर या फ्लैट में ही रहते हैं इसलिए तुलसी को ऐसे जगह रखे जहाँ आप एकांत में कुछ समय बैठ सकते हैं इससे आपके शरीर में जरुरी ऑक्सीज़न की आपूर्ति होगी|
तुलसी पूजा के लिए पहले ताम्बे की लोटा ले ले और उसमें गंगाजल या नल का भी जल ले सकते हैं हो सके तो उसमें कपूर दाल के उसे तुलसी पौधे को चढ़ाय| पानी चढ़ाते समय पुरे पौधे को ही पानी से नहला दे| अब चन्दन पुष्प, अक्षत और कुमकुम निवेदन करें| अगर कोई कहें तो कुमकुम के साथ हल्दी भी निवेदम कर सकता है| अब धूप और दीप जलाय और फिर उसे निवेदन करते हुए आरती करें पहल धूप और दीप से| आरती करने के बाद पूजा घर में धूप को दिखा दे और हो सके तो भगवान नारायण के तस्वीर के सामने भी धूप दीप करके आरती करें| पुरे घर में धूप करने के बाद फिर आरती लेकर तुलसी का एक पत्ता जल में डालकर प्रसाद स्वरुप उस जलको ग्रहण करें| सबसे अच्छा होता हैं अगर आप यह पूजा भोर के समय कर पाए तो| इससे मन बहुत ही शांत रहता है दिनभर और हमारे शरीर को जरुरी ऑक्सीज़न भी मिल जाता है|

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