स्मार्त मत से कब है जन्माष्टमी और वैष्णव मत से कब हैं जन्माष्टमी? [Janmashtami 2018]

स्मार्त और वैष्णव मत में कुछ भिन्नता है| स्मार्त मत के अनुसार जन्माष्ठमी उस दिन मनाई जाती हैं जिस दिन मध्यरात्रि में अष्ठमी होती हैं पर वैष्णव मत के अनुसार उदय तिथि यानि सूर्य उदय से ही जिस दिन अष्ठमी रहती है उसी दिन जन्माष्टमी होती है| इसलिए जो स्मार्त मत के अनुसार जन्माष्ठमी मनाना चाहें तो वह 2 सितम्बर को ही जन्माष्टमी मना सकते हैं और अगर कोई वैष्णव मत के अनुसार  जन्मास्टमी मनाना चाहें तो वह 3 सितम्बर को ही जन्मास्टमी मनाय| वृन्दावन और जयपुर सहित कई सारे वैष्णव तीर्थ और मंदिर में वैष्णव मत के अनुसार ही जन्माष्टमी मनाई जाएगी| पर आप अपने मत के अनुसार ही जन्माष्ठमी मना सकते हैं| और चाहें तो दो दिन भी जन्माष्टमी का त्यौहार मना सकते हैं| 

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