लक्ष्मी-नारायण व्रत पूजा आरती कैसे करें? [Laxmi-Narayan vratpuja kayse karen]


लक्ष्मी व्रत पूजा या फिर लक्ष्मी-नारायण व्रत पूजा करने की कई तरीका है पर बहुत ही सरल और सहज तरीके से आप कैसे यह व्रत कर सकते हैं और नारायण की आरती कर सकते हैं इसके बारे सरल उपाय हम यहाँ आपको बताने जा रहे हैं| यह व्रत पूजा गुरुवार के दिन की जाती हैं जो सोलह दिन तक करना चाहिए| बहुत से लोग इसे छह महीने या एक साल तक भी करते हैं| उसके बाद ही उसका उद्यापन किया जाता है|

लक्ष्मी नारायण पूजा के लिए आपको जिन सामग्री की जरुरत है वह है कलश, नारियल, आम के पत्ते, अक्षत, चन्दन, पुष्प, दूर्वा, धूप, दीप, फल, मिठाई, बतासा, नारियल के लड्डू, पान-सुपारी, आरती के लिए सामान| यह व्रत आप किसी भी समय कर सकते हैं पर यह ज्यादातर अग्रायण महीने से शुरू होती है और पौष संक्रांति तक चलता है| पर आप इसे अपने तरीके से किसी भी समय कर सकते हैं गुरुवार को| अगर आपके घर या परिवार या प्रदेश में किसी विशेष समय यह व्रत पूजा होती है तो आप उसी समय इसे कर सकते हैं| इस दिन पिले चीजों का ग्रहण करना और खाना बहुत जगह पर शुभ माना जाता है इसलिए बहुत से जगह पर खिचड़ी खाई जाती है| पर इन सबसे ऊपर जिस चीज पर ध्यान देना जरुरी है वह है साफ सफाई करने पर क्यों के लक्ष्मी पूजा के लिए मूल विषय यही है साफ सफाई करना| जहा पर साफ सफाई और शुद्धता तथा धूप-दीप की महक होती है वहा माँ लक्ष्मी श्रीनारायण के साथ विराज ते हैं| लक्ष्मी पूजा के दिन और दूसरे दिन भी अगर आप पूजा न भी कर रहे हैं तो भी धूप कम से कम अपने घर पे जरूर जलाया कीजिये तभी घर पे लक्ष्मीश्री का बास होगा| घर पे या अपने रसोईघर की भी साफसफाई अच्छे से करें ताकि कोई दुर्गन्ध घर पे न फैले|

पूजा करने के लिए आप अपने घर पे एक चौकी रख ले और उसमे पीला कपडा बिछा ले| ध्यान में रखे कि अगर आप लक्ष्मी नारायण पूजा कर रहे हैं तो हमेशा पीला कपड़ा ही ले पर अगर आप लक्ष्मी पूजा गणेश जी के साथ कर रहे हैं तो उसमें लाल रंग का कपड़ा ले सकते हैं| अगर आपके पास मूर्ति है तो वह भी आप पूजा में रख सकते हैं या फिर आप लक्ष्मी-नारायण के फोटो भी पूजा के चौकी पर रख सकते हैं| पूजा के चौकी पर रखने के बाद एक पीतल या ताम्बे का कलश ले लीजिये उसमें शुद्ध जल लेकर उसमें चन्दन और कपूर मिला दे साथ ही अगर हो सके तो उसमें गुलाब जल भी डा सकते हैं| अब उसमें पांच या सात आम के पत्ते रख दे| ऍम के पत्ते अलग अलग नहीं बल्कि जुड़े हुए रखे अर्थात जो एक एक दाल में एक गुच्छे की तरह हो| यह पूजा के लिए ज्यादा शुभ मन जाता है| आप एक नारियल कलश के ऊपर स्थापन कर दे और कलश में स्वास्तिक बना दे साथ ही आम के पत्ते और नारियल पर भी सिंदूर और हल्दी से बिंदी बना दे| आप एक फोटो या मूर्ति के सामने अक्षत से अष्ठदल पद्म बना दे और उसके बार उसके ऊपर ही कलश को स्थान कर दे| आप फूलमाला और अच्छे अच्छे फूलों से भगवन के फोटो को सजा दे साथ ही दोनों तरह घी के या सरसो के तेल का दीपक जला दे| पूजा करने से पहले पुरे घर में धुप करना न भूले| आप लक्ष्मी-नारायण का ध्यान करते हुए आप गन्धपुष्प से पहले पूजा करें और फिर श्री लक्ष्मी-नारायण के सामने धूप दीप जलाकर उन्हें दिखाय| लक्ष्मीपूजन में खील, बतासा और नारियल भोग के रूप में चढ़ाय अगर हो सके तो नारियल से बने गए लड्डू भी आप भोग के रूप में चढ़ा सकते हैं| पंचोपचार पूजा और भोग अर्पण के बाद धूप-दीप से लक्ष्मी-नारयण की आरती करें और साथ ही अगर आप कहें तो काम से काम अट्ठाइस बार श्री लक्ष्मी-नारयण का जाप करें| अगर आपके पास कमल गट्टे का माला हो तो सबसे अच्छा होता है लक्ष्मी-नारयण के जाप करने के लिए| जाप के बाद व्रत कथा पढ़े और उसके बाद पुष्पांजलि देकर विधिवत सम्पूर्ण आरती करें धुनुची, पंचप्रदीप और दूसरे वस्तु से भी| आरती के हर उपचार को निवेदन करके या आरती करने के बाद हैट जरूर धो ले| इसके बाद आप आरती सब को प्रसाद के रूप में दे और साथ ही भोग में चढ़ाय गए प्रसाद भी सबको दे और खुद भी ग्रहण करें| आरती लेने से पहले कभी भी प्रसाद बा बांटे| 

 पूजा में किसी भी प्रकार के कोई अगरबत्ती या मोमबत्ती का उपयोग न करें| ध्यान रखें कि पूजा के दिन घर पे किसी भी प्रकार के कोई दुर्गन्ध न हो| अगर आप मांसाहारी तो पूजा के दिन अपने घर पे इस तरह का भोजन न पकाय| पुरे घर को अच्छे से धोकर साफ सुथरा रखे| अगर आप केवल व्रत के दिन में ही पूजा करते हैं तो पूजा के कलश को दूसरे व्रत के दिन ही उठाय और रोज धूप जरूर करते रहे| धूप दीप से आरती करना बहुत ही जरुरी होती है व्रत के दूसरे दिनों में भी| इसलिए अगर आपके पास समय और साधन हे तो रोज सुबह शाम आरती करें भले आप पूजा रोज न करें अगल से|

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