नंदोत्सव पर करें ठाकुरजी की भोग आरती [Nandotsav Aarti]


जन्माष्टमी अगर आप पालन करते हैं तो आपको नंदोत्सव भी जरूर मनाना चाहिए| नंदोत्सव पर ठाकुरजी को मध्याह्न भोग चढ़ाय और आरती जरूर करें| आप नंदोत्सव के पूजा में आने घर पे बने हुए खाना ही भोग के रूप में दे सकते हैं या फिर उस दिन आप अपने घर पे ऐसे खाना बनाय जो आप भगवन को भोग लगा सकते हैं और सब मिलकर यही भोग प्रसाद खाये|

अगर आप कृष्ण जन्माष्टमी मानते हैं तो दूसरे दिन नंदोत्सव भी जरूर मनाय और उसके लिए अन्न, पुरी, खिचड़ी, तरकारी, खीर और मिठाई भोग में चढ़ाय| उसके बाद आरती करें| आरती करने से पहले सारे भोग जरूर भगवान को निवेदन कर ले और तुलसी का पानी सारे भोग पर छिड़क कर तुलसी पत्र जरूर डाले| आरती करते समय ध्यान रखे की भोग निवेदन करने के बाद ही आरती हो| बहुत जगह पर भगवान के सामने भोग रहते हुए ही आरती की जाती हैं पर कुछ जगह पर भगवान के सामने से भोग के थाली हटाकर ही आरती शुरू की जाती हैं आप अपने पसंद से ही आरती कर सकते हैं| आरती करते समय धूप और दीप से आरती करें या पांच नीराजन पद्धति से आरती करें| आरती के बाद शंख नाद करें और सबको आरती प्रसाद के रूप में धूप और दीप के ताप दे| इसके बाद सबसे भोग प्रसाद दे और अगर हो सके तो संध्या के समय भजन के साथ साथ आरती करें| नंदोत्सव आरती जन्माष्टमी की मूल उत्सव  होती है इसलिए इसे धूम धाम से मनाई जाती है वैष्णव मठ मंदिर में|

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