दुर्गा विसर्जन या घट विसर्जन कैसे करें [Durga Visarjan Kayse Kare]


दुर्गा विसर्जन के लिए या घट विसर्जन के लिए सबसे पहले तो माँ की आरती करें और उसके बाद माँ से प्रार्थना करें की इस वर्ष के तरह ही अगले साल भी मातारानी आपके यहाँ जरूर आये साथ ही भूल त्रुटि के लिए भी क्षमा याचना करना चाहिए| क्षमा याचना करने का अर्थ यह होता है की माँ ने हमे उनके सेवा का अवसर दिया पर इस सेवा अवसर के दौरान अगर कोई भूल या त्रुटि हो गई है तो माँ हमे क्षमा करें| आग 'दुर्गा देव्यै क्षमस्व' कहते हुए घट और मूर्ति या तस्वीर को थोड़ा हिला दे और फिर एक बार फिर से आरती करें| इसके बाद सरे चीजे अगल कर ले फूल पत्ती और धूप के राख को नदी या जलाशय में न फेके इससे सब कुछ गन्दा होता है इसे अपने घर के गार्डन या फूल या तुलसी के गमले में भी आप मिटटी में दवा दे सकते हैं और कलश के जल को भी पेड़ो के निचे डाल दे| वैसे तो घट पे छाडे हुए नारियल आप किसी को दान भी कर सकते हैं पर यह पक्रिया नवरात्री में करना सही नहीं होता क्यूंकि यह संकल्प के साथ हम पूजा करते हैं इसलिए इसे जल में प्रबाहित करना ही सबसे सही होता हैं| नवरात्रिपुजा और लक्ष्मी पूजा के नारियल कभी भी खाना नहीं चाहिए बाकि छाडे हुए नारियल  दान किया जा सकता है| कहाँ जाता है नवरात्री और दीपावली के दिन हम पूजा के संकल्प के साथ पूजा करते हैं पर अगर आप संकल्प के साथ पूजा न करें तो उसके फल आप दान कर सकते हैं किसी को| घट विसर्जन के समय आप धुनुची धुप जलाते हुए घट को लेकर जाये और विसर्जन करें अगर किसी पेड़ के निचे रखकर भी आप विसर्जन करना चाहते हैं तो भी आप कर सकते हैं| पर सम्पूर्ण घट ही आपको विसर्जन करना चाहिए| अगर आपके मिटटी का नहीं पीतल का घट लिया है तो पत्ती, फल को विसर्जित कर दे| अगर आपके वह नारियल या यह सब विसर्जित करने की समस्या हैं तो आप को नारियल को तोड़के बाहर  यानि खुले में या छत पे रख देना चाहिए जिससे चिड़िया धीरे धीरे खा लेगी| घट विसर्जन के बाद या प्रतिमा विसर्जन के बाद अपने जिस तालाब में विसर्जन किया है वह से जल लोटे में लेकर आये और पुरे घर पे और घर के सदस्य के ऊपर जरूर छिड़क दे|

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