क्या आप नवपत्रिका दुर्गा के बारे में जानते हैं [Nabapatrika Durga]


नवपत्रिका नौ पेड़ों की समाहार होती है जिसे बंगाली दुर्गापूजा में माँ दुर्गा के प्रतीक के रूप में दुर्गा परीतिमा के दाहिने ओर रखा जाता है| इन नौ पेड़ों में मूल रूप से केले का ही पेड़ होता है पर साथ ही  दारूहलदी, हल्दी, जयंती, बेल, अनार, अशोक के पत्तिया, धान,  मानवृक्ष यानि अमलतास को अपराजिता पुष्प के गुल्म से बांध कर नवपत्रिका तैयार की जाती है| उसे उसके बाद नदी या पवित्र जल के साथ नहलाया जाता है साथ ही कई तरह के अलग अलग जल यानि हल्दी के जल, चन्दन के जल, नारियल के जल, दूध, गंगा जल से स्नान करवाके उनके पारम्परिक पीले और कल किनारेवाले साड़ी पहना कर प्रतिष्ठा की जाती है| दुर्गापूजा के सप्तमी के दिन यह नियम नवपत्रिका स्थापन की जाती है| नवपत्रिका स्थापन से ही दुर्गापूजा की शुरुवात होती है| इसे नवदुर्गा की रूप मानकर ही माँ की पूजा की जाती है| माँ की साथ साथ नवदुर्गा रूप में नवपत्रिका का की पूजा आरती समान रूप से होती है| माँ की विसर्जन के साथ ही नवपत्रिका की भी विसर्जन कर दी जाती है|

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