नवरात्रि पर माँ को कैसे करें धूप अर्चन [Navratri Dhoop Puja]
नवरात्रि को नौ रात्रि कहते हैं जो माँ दुर्गा के नौ रूपों के पूजा के लिए जाने जाते हैं| कुछ जगह पर नौ दिन माँ के अलग अलग रूपों के पूजा होती है तो कुछ जगह पर सिर्फ माँ दुर्गा की ही पूजा की जाती है धूप-दीप या षोडश उपचार से| दुर्गा पूजा में धूप करना एक विशेष आचार होती है जो की अगर आप बंगाल या बनारस जायेंगे तो बहुत मात्रा में आपको देखने को मिलेंगे| धूप अर्चन सबसे सहज और सरल पूजन विधि में होता है| जो नौकरी या काम यानि ब्यापार करते हुए भी माता की आराधना कर सकते हैं| धूप अर्चन में कभी भी अगरबत्ती या धूपबत्ती का उपयोग न करें शुद्ध तरीके से धुनुची में धूना, गुग्गुल के साथ धूप जलाय और उसी से माता की आरती करें| धूप पूजन आप बहुत से उपचार के साथ भी कर सकते हैं और केवल धूप से करके आरती भी कर सकते हैं|
धूप पूजन के लिए आपको जिन चीजों की आवश्यकता है वह है अक्षत, कुमकुम, हल्दी, चावल, धुनुची, धूना (राल), गुग्गुल, कपूर और आरती के लिए पंचप्रदीप| ध्यान में रखे की जिस दिन आप घट स्थापना कर रहे हैं तो उस दिन केवल धूप पूजन न करके पांच या सात उपचार के साथ मातारानी की पूजा करें और आरती करें | दूसरे दिन से आप धूप पूजन कर सकते हैं पर आखरी दिन यानि नवमी के दिन फिर से पांच या सात उपचार के साथ पूजा करके अगर आप भोग लगाना चाहते हैं तो भोग लगाकर भी पंच आरात्रिक पद्धति यानि धूप, घी दीपक, जलपूर्ण शंख, पुष्प और चंवर से आरती करें| अगर आपके घर पे चंवर नहीं है तो आप ऍम के पत्तिओं से भगवन को हवा करके आरती कर सकते हैं| रोज अगर आप धूप पूजन भी करते हैं तो कम से कम दोबार माँ का धूप पूजन करें सुबह और शाम के समय| अगर आप दोपहर के समय घर पे नहीं रहते हैं पर कोई न कोई घर पे रहता है तो भी माता को धूप जरूर दिखने को बोले| दरअसल धूप पूजन भी दिन में कम से कम तीनबार करना ही चाहिए जिसे कहते हैं त्रिसंध्या धूप पूजन आरती| माँ की धूप से पूजा करने के बाद उसे पुरे घर में जरूर दिखाय और फिर फिर सब मिलकर माँ की आरती करें| धूप दिखने के बाद वह प्रसाद हो जाता है इसलिए उसे एक थाली के ऊपर रखकर प्रशाद के तरह ही सबमे बांटे और दोनो हात से धूप की धुंआ ले आशीर्वाद स्वरुप ले|
धूप पूजन के बाद जो राख बचता है उसे कभी भी ऐसे वैसे जगह पर न फेके उसे मिटटी में दवा दे या फिर पानी में बहा दे| पानी में डालने से वैसे पानी गन्दा होता है इसलिए उसे मिटटी में दवा देना ही सबसे अच्छा होता हैं| अगर आपके पास बगीचा न भी हो तो छोटे से एक गमले में जहा आप घर के तुली या फूल के पौधे लगते हैं उसमें भी पानी डालकर या फिर खोद कर धूप के राख को दवा दे| धूप पूजा के लिए सबसे अच्छा होता है कि आप नारियल के छिलके के साथ धूप जलाय| बहुत से लोग गाय के गोबर के कंडे भी भी जलाते हैं पर जैव धूप के रूप में नारियल छिलका ही सबसे अच्छा होता हैं|

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