कैसे और क्यों जलाय नवरात्रि पर अखंड बाती [Navratri Akhand Diya]
अगर आप नवरात्रि पूजन कर रहे हैं तो उसके लिए लिए अखंड दीपक जलना भी बहुत ही जरुरी है| वैसे आजकल बहुत से लोग पूजा रोज करते हैं पर अखंड जोत नहीं जला पाते है उसके लिए भी क्या कर सकते हैं हम आगे बताएँगे| अभी हम किस तरह से अखंड दीपक जला सकते हैं इस बारे में बात करेंगे|
नवरात्रि के समय अगर आप अखंड दीपक जला रहे हैं तो उसके लिए मिटटी या पीतल के दीपक आप ले सकते हैं| अगर आप मिटटी के दीपक लेते हैं तो यह ख्याल रखे कि वह काले न हो और अगर आप पीतल के लेते हैं तो वह भी अचे से साफ करने के बाद ही इस्तेमाल करें| नवरात्रि आरती के लिए या अखंड दीपक जलाने के लिए अच्छा होगा कि आप लाल रुई के बाती ही इस्तेमाल करें| और दीपक को घी से बहुत से लोग जलाते हैं पर नौ दिन तक अगर आप दीप जलाते हैं तो तिल के तेल या सरसों के तेल से ही जलाया करें| दीप के बाती ज्यादा बढ़ाके न रखे इसे बस जलाकर रखे| अखंड दीप जलने का मतलब होता है की आप अपने पूजा के साक्षी रूप में यह दीपक जला रहें है|
सबसे पहले आप अक्षत से एक स्वस्तिक बना ले अब उसके ऊपर मिट्टी के, ताम्बे के या पीतल के दीपक रख ले| उसमे बाटी थोड़ा बड़ा ही रखे और और अगर हो सके तो बड़े बाती से दीपक जलाय| उसमें तेल डालकर अब 'दीपज्योति नमः' कहकर आप माँ दुर्गा के कोई भी श्लोक पथ करते हुए दीकप पर पुष्प अक्षत से दीप निवेदन करें| इसे पुरे नौ दिनों तक इसी तरह से जलते रहने दे| अखंड दीप अगर आप जलाते हैं तो संकलप के साथ जलाय कि आप माँ की नवरात्रि के नौ दिन तक सम्पूर्ण श्रद्धा भाव से सेवा करेंगे| अखंड ज्योत हमारे आस्था की प्रतिमूर्ति होती है| आप अगर अखंड ज्योत न भी जला पाएं तो उसके लिए मनमे कोई निराशा न रखें पर कोशिश करें की नवरात्रि पर ज्योत जलाकर ही आप पूजा करेंगे और इसे मनोकामना के साथ की माँ इस ज्योत के रूप में ही आपके घर में नौ दिन विराजमान होंगे|

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