केवल आरती से कैसे करें नवरात्रि आराधना [Navratri Aarti Seva puja]


अगर आप सिर्फ आरती के माध्यम से ही माँ दुर्गा की आराधन करना चाहते हैं तो उसके लिए आपको दिन में चार बार आरती करना जरुरी है| हमने आरती के प्रकार के बारे में पहले ही बताया है पर नवरात्रि पर कैसे आरती हम कर सकते हैं आइये उसके बारे में कुछ जानकारी हम यहाँ साझा करते हैं| नवरात्रि में आरती के लिए धूप और दीप बहुत ही अच्छे तरीके से जलाय, आरती के पत्र हमेशा अच्छे से मांज कर और धो कर ही आरती के लिए उपयोग करें| नवरात्रि आरती के लिए मंगल आरती, धूप आरती, पूजा आरती और संध्या आरती जरूर करें| अगर आप चाहते हैं और अगर आप भोग लगा रहे हैं मातारानी को तो भोग आरती भी जरूर करें| केवल आरती से माँ की सेवा करने के लिए माँ के सामने हर बार आरती के समय दो धुनुची धूप जलना बहुत ही जरुरी है हर बार आरती के समय यह करना ही चाहिए| साथ ही अगर आप पंचदीपक या कुछ और दीप जला रहे हैं तो कोशिश करें की उसे घी से ही जलाय पर आगरा आप घी से नहीं जला पा रहे हैं तो केवल सरसो के तेल या तिल के तेल से ही उसे जलाय| अगर आप कपूर से भी आरती करना चाहते हैं तो भी आप कपूर आरती भी कर सकते हैं| हर बार आरती करने के बाद हात जरूर धो ले तभी दूसरे वस्तु से आरती करें| आरती करने से पहले शंख ध्वनि जरूर करें पर अगर आपको शंख बजाना नहीं आता है तो माता की जयकारा लगाय|

ध्यान रखे माँ की आरती सेवा करने का मतलब होता है एक परिवार के सदस्य की तरह उनकी सेवा करना इसलिए अगर आप माँ की आरती सेवा कर रहे हैं तो इस बात का ध्यान जरूर रखे| माँ को केवल देवी और जगतजननी नहीं बल्कि उन्हें अपने घर के माँ की तरह मानकर की उनकी सेवा आरती करें|

टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

नैवेद्य और प्रसाद क्या होता है [Naivedya aur Prasda]

आगम और धूप दीप पूजा आरती

शिवपूजा धूप निवेदन और आरती मंत्र [Shivratri Dhoop aur Aarti puja Mantra]