दीपावली के दूसरे दिन अन्नकूट पर माँ अन्नपूर्णा की आरती [Annakut Utsav 2018]
दीपावली के दूसरे दिन अन्नकूट महोत्सव मनाई जाती है और माता अन्नपूर्णा की पूजा करके इसदिन सबमें आमान्न बितरित की जाती है| यह पूजा बहुत ही साधारण तरीके से की जाती है और किसी भी प्रकार की कोई आडम्बर यहाँ नहीं होती है| पूजा करने के लिए माँ अन्नपूर्णा के एक तस्वीर ले ले और साथ में धूप, दीप, अक्षत, पुष्प, चन्दन और कच्चे चावल के साथ अनाज ले ले| एक पाटा लेकर उसमें लाल कपड़ा बिछाकर माँ की मूर्ति को रखे और अक्षत, चन्दन और पुष्प से "ॐ ह्रीं भगवती माहेश्वरी अन्नपूर्णा देव्यै नमः" अर्पण करें| धूप और दीप प्रज्वलित करके माँ को निवेदन करें और चावल अनाज निवेदन करें| और पुष्पांजलि प्रदान करें| इसके बाद धूप और पंचप्रदीप जलाकर माँ की आरती करें| आरती के बाद माँ को प्रणाम करें और सबको प्रसादी आरती दे| इसके बाद सबमें आमान्न जो माँ को चढ़ाया गया है उसके चावल सबमें बांट दे और अपने घर के भंडार घर पे भी रखे| बहुत से लोग इससे खिचड़ी बनाकर सबको खिलाते हैं जो अगर आप चाहे तो आप भी कर सकते हैं पर सबसे पहले अपने भंडार घर पे इस चावल को थोड़ा जरूर रखे| यह पूजा संध्या के समय करना सबसे अच्छा होता है पर अगर आप चाहे तो दोपहर में भी यह पूजा कर सकते हैं| काशी में इसदिन माँ अन्नपूर्णा की विशेष आरती पूजन और भंडारा लगता है जो अन्नपूर्णा मंदिर की सबसे बड़ी उत्सव में से एक है|

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