पूजा में क्यों न करें अगरबत्ती इस्तेमाल [Puja me na karen agarbatti istemal]


धूप करने के बारे में बहुत बार बात जरूर करते हैं पर एक बात याद रखना बहुत ही जरुरी है कि धूप और अगरबत्ती करना एक चीज बिलकुल भी नहीं है| धूप एक प्राकतिक बस्तु है जो पेड़ कि गोंद से परैत होती हैं पर अगरबत्ती को केमिकल यानि अप्राकतिक तरीके से बनाई जाती है| अगरबत्ती में बाँस का प्रयोग भी किया जाता है जो कि शास्त्र के अनुसार इस्तेमाल करना बिलकुल भी बर्जित है| बाँस बंश बृद्धि के प्रतीक होते हैं पर यह कवी भी जलाया है जाता है यहाँ तक कि अंतिम क्रिया में भी बाँस जलने की विधि नहीं देखि जाती है| लोक मान्यता के अनुसार बाँस जलाना अशुभता के लक्षण होते हैं साथ ही अगरबत्ती में रहनेवाले हानिकारक केमिकल बहुत ही हानिकारक होता है हमारे सेहत के लिए इससे निकलनेवाले धुआँ सिगरेट की धुआँ के सामान ही होता है जो आपके फेफड़े के लिए बहुत ही क्षतिजनक होता है| पर जब हम धुनुची में धूप जलाते हैं उसमे नारियल के छिलके या गोबर के कंडे में धूप, गुग्गुल, कपूर से जलाते हैं जो की एक प्राकतिक धुआँ होता है और शरीर के लिए हानिकारण नहीं होता है| बहुत से लोग इसे जलाना नहीं कहते क्यों के उन्हें लगता हैं की यह बहुत ही झमेले की बात है पर ऐसा नहीं है अगर आप पहले से थोड़ा इन सरे चीजों को इंतजाम कर लेंगे एक महीने के हिसाब से ही तो यह बिलकुल भी मुशकिल का काम नहीं है| 

बाजार में आपको बहुत से अच्छे अचे कंपनी और ब्रांड के धूपबत्ती या अगरबत्ती मिल जायेंगे और आप सोचते हैं कि यह सारे बहुत ही अच्छे चीजों से बनाई जाती है और यह बिलकुल भी कोई हानिकारक नहीं होती है साथ ही हर्बल के नाम पर भी कई सारे संस्था आप लोगों को ठग रहे हैं| बाजार में आसानी से धूप  करने की प्राकृतिक चीजें मिल जायेंगे जो कि धूप करने के लिए बहुत ही सही है और साथ ही शरीर के लिए भी हानिकारण नहीं है| इसलिए अगरबत्ती के प्रयोग न करते हुए आप कोशिश करें कि बाजार में मिलनेवाले प्राकृतिक धूप ही इस्तेमाल करें| धूप जलने के धुनुची और साथ में धूप सामग्री आसानी से बाजार में पूजा घरवाले दुकान में मिल जाती है| 

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