पूजा में कोई वस्तु चढ़ाने में कमी है तो उसे ऐसे करें पूरा [Puja me kami me kya chaday]
वैसे बहुत से समय हम हर तरह के सामग्री पूजा में इस्तेमाल नहीं कर पाते हैं तो उसके लिए क्या करना कहिहिये आइये जान लेते हैं| पूजा के लिए बहुत सरे सामग्री की जरुरत तो नहीं है पर अगर आप विशेष उपचार के साथ पूजा आरती करते हैं तो उसमे कई तरह के सामग्री की जरुरत होती ही है| आजकल के भाग दौड़ के कारन कई तरह के सामग्री के जुगाड़ हम नहीं कर पाते हैं इसलिए कई समय हमारे मन में भी कई तरह की अशांति नहीं होती है की इससे हमारी पूजा सम्पूर्ण होगी भी या नहीं| इसके उपाय वैसे तो बहुत ही सरल है पर जायदातर लोग इसे नहीं जानते हैं| इसके लिए आपको जो वस्तु चाहिए वह है अरवा चावल यानि अक्षत| किसी भी चीज की कमी अगर आपके पूजा में रहती है उसमें चावल छिड़क कर यानि अक्षत समर्पित करके आप पूजा सम्पूर्ण कर सकते हैं| जैसे अगर आप अलग से प्रसाद नहीं चढ़ा पाए हैं या फिर कोई श्रृंगार के वस्तु या दूसरे चीजे नहीं चा पाए हैं तो उसे आप अक्षत के साथ मंत्र बोल के समर्पित कर सकते हैं| पर ध्यान रखे पुष्प, चन्दन और धूप-दीप की जगह पर अक्षत नहीं चढ़ाय जाते यह प्रत्यक्ष रूप में ही चढ़ाना होता है पुष्प अगर कभी न मिले तो आप उस जगह पर जल चढ़ा सकते हैं जैसे पुष्पांजलि के जगह पर चन्दन जल से जलांजलि दे सकते हैं|
चावल को सबसे सही और शुद्ध अनाज मन जाता है इसलिए अगर आप अलग से कोई खाद्य वस्तु प्रसाद के रूप में नहीं चढ़ा रहे हैं तो आप केवल अक्षत चढ़ा कर ही वह पूरा कर सकते हैं या फिर अगर दूसरी तरफ से कहा जाये तो अगर आप अकसतसे पूजा कर रहे हैं तो आपको अलग से प्रसद चढ़ाने की आवश्यकता नहीं है| भोग या प्रसाद हम अपने पसंद के हिसाव से ही भगवन को चढ़ाते हैं यानि जो हुनमे पसंद होता होता हैं वही हम भगवन को भी भोग लगते हैं| चावल सबसे शुद्ध होने के कारण यह एक बहुत ही जरुरी उपकरण है पूजा में| बहुत सी जगह पर इसलिए चढ़ाय गए अक्षत को भी प्रसाद के रूप में दिया जाता हैं या केवल जल को| इसलिए अगर आप अक्षत से रोज पूजा करते हैं तो अलग से प्रासा या भोग चढ़ाने की जरुरत नहीं है पर आप कहें तो भगवन को दोपहर में भोग लगाकर आरती जरूर कर सकते हैं| यह सम्पूर्ण अपने ऊपर निर्वर करता है|

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