पूजा में प्रसाद का होना या न होना कितना जरुरी [Puja me prasad ka hona ya na hona]
पूजा करने के लिए कई सारे उपकरण की जरुरत हमे होती ही है पर जैसे धूप, दीप, चन्दन, पुष्प, अक्षत इत्यादि| अगर आप बहुत कुछ न भी चढ़ाय तो भी कम से कम धूप दीप पूजा के लिए रखना जरुरी है ही| पर बहुत से लोग एक सवाल हमेशा ही करते रहते हैं कि क्या पूजा के लिए प्रसाद यानि कोई खाद्य वस्तु चढ़ाना जरुरी है? अगर पूजा के विशेषज्ञ और जानकारों की माने तो पूजा में प्रसाद चढ़ाना जरुरी नहीं होती है किसी खाद्य वास्तु के रूप में पर पूजा में किसी वास्तु को नैवेद्य के रूप में चढ़ाना जरुरी होता ही है| नैवेद्य का मतलब बिलकुल भी यह नहीं होता है कि कोई फल या खाने की सामग्री पूजा में आपको जो चढ़ाना सबसे पसंद है आप उसे नैदैव्य के रूप में चढ़ा सकते हैं जैसे घी के दीपक या गुग्गुल के धूप या धुनुची धूप या फिर केवल जल भी नैवेद्य के रूप में चढ़ा सकते हैं| पूजा और आरती के बाद यह सारे सामग्री प्रसादी हो जाती है और इसे आप प्रसाद के रूप में ही ग्रहण कर सकते हैं पर इसके लिए अलग से कोई खाद्यवस्तु चढ़ाने की जरुरत बिलकुल भी नहीं है|
प्रसाद हर कोई अपने पसंद के अनुसार ही दे सकते हैं और साथ ही भोग प्रसाद के रूप में भी अपने सामर्थ के अनुसार अपने पसंद का खाना भगवन को चढ़ा सकते हैं| अगर आप बाहर रहते हैं और आपके पास प्रसाद चढ़ाने के लिए कोई खास वास्तु नहीं हैं तो बिलकुल भी चिंता करने की जरुरत नहीं है आप आचमन पात्र में ही जल रखके या गंगा जल से भरके उसे प्रसाद के रूप में चढ़ा सकते हैं साथ अगर आप धूप नैवेद्य के रूप में चढ़ाना कहें तो वह भी चढ़ा सकते हैं जो आरती के बाद प्रसाद हो जाता है| भगवन को निवेदन किये गए हर वस्तु वैसे तो भगवान के ग्रहण करने के बाद प्रसाद ही बन जाता है| इसलिए खाद्य सामग्री ही केवल प्रासा में चादन जरुरी नहीं है और इस बारे में मनमे कोई दुबिधा न रखे| अगर आप विशेष पूजा के पहले संकल्प में भी कोई विशेष नैवेद्य से जैसे केवल हवन धूप या अखंड दीप से पूजा करने की संकल्प करे तो भी आप वह पूजा केवल उससे ही कर सकते हैं पर इसके लिए पूजा के पहले संकल्प लेना जरुरी है| बहुत से जगह पर नारियल को ही केवल प्रसाद मन जाता है वैसे और कई पर चन्दन को तो किसी भी प्रकार की चिंता अपने मनमे न रखते हुए अपने पसंद के नैवेद्य या प्रसाद से पूजा करें| एक वाक्य में अगर प्रसाद की संज्ञा देना हो तो बस यही कहा जा सकता है कि पूजा के बाद वितरित करने वाले कोई भी नैवेद्य पदार्थ को प्रसाद कहते हैं|

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