वसंत पंचमी पर करें माँ सरस्वती की आरती [Maa Saraswati Aarti]


वैसे तो तो हम सब विद्यार्थी है और इसलिए हर दिन अगर हम सरस्वती पूजा करें तो वह सबसे अच्छा रहता है पर अगर हम रोज सरस्वती पूजा न भी कर पाए तो वसंत पंचमी जिसे श्री पंचमी के नाम से भी जाना जाता है उस दिन माँ की आराधना जरूर करें| असल में पहले के समय में सरस्वती माँ नदी स्वरुप थी और इसलिए उनके तट पर ही आराधना करने विद्या आरम्भ किया जाता था| मन जाता है की उस समय भी इसी दिन से कोई नए पाठ का कार्य शुरू किया जाता था इसलिए जब सरस्वती पूजा मूर्ति में होने लगी तो भी इसी दिन को माँ सरस्वती की पूजा के लिए सबसे श्रेष्ठ और उत्तम दिन माना गया| आइये जानते हे कैसे कोई भी विद्यार्थी सरल और साधारण तरीके से माँ की उपासना कर सकते हैं|

वैसे तो बहुत से लोग इस दिन सफ़ेद रंग के चीजों के साथ सरस्वती पूजा करते हैं पर इस दिन सबसे सही यही होता है की आप पीले फूलों के साथ यह पूजा करें| हम यहाँ आपको सहजता के साथ पूजा आरती पद्धति बता रहे हैं आप अपने हिसाव से इसमें कुछ काम ज्यादा कर सकते हैं क्यों के हर किसी के पूजा पद्धति अलग होते हैं और इसलिए किसी भी विषय को देखकर और सीखकर अपने हिसाव से ही करना चाहिए| पूजा में धूप धुनुची, दीप, पीले पुष्प, पीले और सफ़ेद चन्दन और साथ में पीले चावल भी उपयोग जरूर करें| माँ को अगर आप मूर्ति में पूजा करते हैं तो एक चौकी पर पीले वस्त्र बिछाकर ही माँ को आसान दे अगर आप फोटो में ही पूजा कर रहे हैं तो भी ऐसे पीले कपड़े की आसन पर ही माँ को बैठाय और पूजा आरती करें|

अगर सहज पूजा पद्धति के बात करें तो कलश स्थापना करके माँ को पाद्य यानि पैर धोने के लिए जल अर्पित करे उसके बाद माँ को अक्षत, दूर्वा, बिल्वपत्र और गन्धपुष्प से अर्घ्य प्रदान करें| अब 28 बार गंध पुष्प लेकर अगर हो सके तो श्वेत कमल लेकर पुष्प समर्पित करें और फिर धूप ज्वलकर धूप दिखाय| धूप में अगरबत्ती या धूपबत्ती न जलाय केवल धुनुची धूप ही जलाय| एक बात ध्यान रखे कि देवी देवता सुगंध के माध्यम से ही किसी भी चढ़ाय गए वास्तु को ग्रहण करते हैं इसलिए सुगन्धित वस्तु हमेशा शुद्ध और सही तरीके से ही अर्पण करना चाहिए| धूप दिखाने के बाद पुष्पांजलि अर्पण करें और फिर धुनुची धूप और पंचदीपक के साथ आरती जरूर करें| पूजा और आरती सुबह 10 से पहले ही संपन्न करें| दोपहर को अगर आप कहें तो कुछ भी भोग लगा सकते हैं खीर और हलवा भोग सबसे अच्छा होता है| बहुत से जगह पर पका हुआ खाना चढ़ाना मुशकिल होता है वह कच्चे चावल, दाल और सब्जी भी चढ़ा सकते हैं और उसके बाद इससे खिचड़ी बनाकर ग्रहण किया जा सकता है| भोग लगाकर भोग आरती जरूर करें अगर संभव हो तो पंच उपचार से यह आरती करे| आरती के बाद पहल धूप और दीप प्रसाद के रूप में सबको दे उसके बाद ही भोग प्रसाद सबमे बांट दे और खुद भी ग्रहण करें| ध्यान रखे सरस्वती पूजा के दिन घर पे किसी भी प्रकार के कोई आमिष भोजन नहीं बनाना चाहिए|

टिप्पणियाँ

Blog27999 ने कहा…
In this manner my buddy Wesley Virgin's autobiography begins in this shocking and controversial VIDEO.

You see, Wesley was in the army-and soon after leaving-he revealed hidden, "SELF MIND CONTROL" tactics that the government and others used to get anything they want.

As it turns out, these are the exact same secrets many famous people (especially those who "became famous out of nowhere") and the greatest business people used to become wealthy and successful.

You probably know how you utilize only 10% of your brain.

Mostly, that's because most of your BRAINPOWER is UNTAPPED.

Perhaps this expression has even taken place IN YOUR own brain... as it did in my good friend Wesley Virgin's brain 7 years back, while driving an unregistered, trash bucket of a car with a suspended driver's license and with $3.20 in his pocket.

"I'm very fed up with going through life paycheck to paycheck! Why can't I turn myself successful?"

You've taken part in those types of conversations, isn't it right?

Your own success story is going to happen. All you have to do is in YOURSELF.

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