धूप नैवेद्य भोग अर्पण | Dhoopam Naivedyam

ॐ त्वदीयं वस्तु भगवती तुभ्यमेव समर्पये |

गृहाण सम्म्मुखो भूत्वा प्रसीद परमेश्वरी ||

ॐ प्राणाय स्वाहा, ॐ अपानाय स्वाहा, ॐ व्यानाय स्वाहा, ॐ उदानाय स्वाहा, ॐ समानाय स्वाहा 

ॐ त्वदीयं वस्तु जगदीश्वर तुभ्यमेव समर्पये |

गृहाण सम्म्मुखो भूत्वा प्रसीद परमेश्वर ||

ॐ प्राणाय स्वाहा, ॐ अपानाय स्वाहा, ॐ व्यानाय स्वाहा, ॐ उदानाय स्वाहा, ॐ समानाय स्वाहा


 

टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

नैवेद्य और प्रसाद क्या होता है [Naivedya aur Prasda]

आगम और धूप दीप पूजा आरती

शिवपूजा धूप निवेदन और आरती मंत्र [Shivratri Dhoop aur Aarti puja Mantra]