श्रीश्री जानकीरघुनाथ धुनुची धूप आरती & पंचदीप आरती [ Janki Raghunath Dhoop Panchpradeep Aarti ]
धुनुची धूप आरती : एतस्मै बं आरात्रिक धूपाय नमः|
एते गंध पुष्पे आरात्रिक धूपाय नमः|
एते गंध पुष्पे एतद अधिपतये देवाय श्री विष्णवे नमः|
एते गंध पुष्पे एतद सम्प्रदानाय श्रीश्री जानकीरघुनाथाय नमः|
" ॐ वनस्पति रसो दिव्यो गन्धाढ्यः सुमनोहरः |
मया निवेदिता भक्त्या धूपोहयं प्रतिगृह्यताम|| "
एष आरात्रिक धूपः श्रीश्री जानकीरघुनाथाय निवेदयामि|
पंचदीप आरती : एतस्मै बं आरात्रिक दीपमालाय नमः|
एते गंध पुष्पे आरात्रिक दीपमालाय नमः|
एते गंध पुष्पे एतद अधिपतये देवाय श्री विष्णवे नमः|
एते गंध पुष्पे एतद सम्प्रदानाय श्रीश्री जानकीरघुनाथाय नमः|
" ॐ कार्पसवर्तिसंयुक्तं घृतयुक्तं मनोहरम|
तमोनाशकरं दीपं गृहाण परमेश्वर-परमेश्वरि|| "
एष आरात्रिक दीपमालाय श्रीश्री जानकीरघुनाथाय निवेदयामि|

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