धूप पूजा या धूप अर्चन कैसे करें? आइये जान लेते हैं [ How to do dhoop puja ]


धूप पूजा या अर्चन एक बहुत ही सहज और सरल पूजा है जो कोई भी कर सकता है| पूजा के बहुत से सामग्री अगर आपके पास नहीं है तो यह सबसे सही पूजा मानी जाती है| आजकल हमारे पास समय की कमी के कारण हम बहुत सारे सामग्री के साथ पूजा करने की समय नहीं दे पाते हैं| धूप अर्चन करने के लिए बस आपको धूप, अक्षत, चन्दन और पुष्प की ही जरुरत होती है| धूप पूजा के बाद आप धूप और एक दीप या पंचप्रदीप से आरती कर सकते हैं| सिर्फ रोज के पूजा में ही नहीं बल्कि आप विशेष पूजा के समय भी अगर बहुत सारे सामग्री नहीं संग्रह कर पाते हैं तो धूप पूजा सबसे सही पूजा होती हैं| आजकल नौकरी और पढ़ने के लिए बहुत से लोगों को घर से बाहर रहना होता हैं इसलिए वह मन से चाहते हुए भी पूजा नहीं  कर पाते हैं क्यों कि उतना सामग्री उनके पास नहीं होता है| पर देखा जाये तो भारत में धूप हर जगह पर उपलब्ध होती हैं और आजकल ऑनलाइन भी इसे मंगवाया जा सकता है तो इस लिए यह पूजा आप बहुत ही सहजता से कर सकते हैं| एक बात ध्यान में रखना जरुरी है कि धूप पूजा अगरबत्ती या धूपबत्ती से नहीं होती हैं धुनाची में धूप गुग्गल जलाकर ही यह पूजा की जा सकती है| अगर आप रोज की पूजा में धूप पूजा करते हैं तो सिर्फ एक धुनुची धूप जलाय और अगर आप विशेष पर्व जैसे कि दीपावली, नवरात्रि की पूजा करते हैं तो दो धूनची धूप जला सकते हैं| धूप पूजा सबसे आसान और सरल पूजा है जो आप कभी भी कर सकते हैं और इसके लिए आपको बहुत ज्यादा जगह, सामग्री या बर्तन की जरुरत नहीं हैं| धूप पूजा में अलग से प्रसाद चढ़ाने की जरुरत नहीं होती हैं पर अगर आप चाहें तो आप उसे चढ़ा सकते हैं या फिर एक नारियल या जल चढ़ाकर भी धूप पूजा कर सकते हैं| आप चाहें तो धूप के साथ घी भी इस्तेमाल कर सकते हैं पर उसके लिए देशी घी ही होना जरुरी होता है| दिए के लिए आप सरसों या तिल के तेल भी इस्तेमाल कर सकते हैं आरती के लिए|

धूप पूजा करने के लिए आराध्य देव प्रतिमा के बाहिने तरफ धूप पात्र यानि धुनुची को रखे| आप धूप जलाकर पुष्प, चन्दन और अक्षत आराध्य को अर्पण करें और फिर धूप अर्पण करें "एष धूपः ॐ नमो नारायणाय नमः" (जिस भी देवता के पूजा कर रहे हैं उनका मूल मंत्र) उच्चारण के साथ| अब आराध्य को  पूजा को ग्रहण करने के लिए प्रार्थना करें और अगर भोग प्रसाद मिठाई कुछ भी आप निवेदन करना चाहते हैं तो उसे अर्पण करें| तीनबार पुष्पांजलि दे  और फिर पहले धूप से और बाद में दीप से आरती करें| आरती के बाद धूप और दीप की ताप ग्रहण करें और पुरे घर में आरती के धूप घुमा दे| इस तरह से आप धूप पूजा रोज और विशेष पर्व में कर सकते हैं| विशेष पर्व पर अगर आप पूजा कर रहे हो तो देव प्रतिमा के दोनों ओर धूनची रखकर धूप जलाए और एक पूजा के समय अर्पण करें तथा दूसरा आरती के समय| 

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