श्रीकृष्ण और राधारानी की धूप सेवा आरती कैसे करें [Dhoop Aarti of Lord Krishna and Radharani]
कृष्ण
पूजन हो या फिर कोई भी पूजा उसके लिए धूप सेवा और आरती बहुत ही खास होती है| पर
बहुत से लोग इस बारे में उतना नहीं जनताए इसलिए इसे पूजा पद्धति के रूप में कर
नहीं पते हैं| आज हमारे पास समय बहुत ही कम है जिस कारण बहुत से सामग्री से पूजा
आरती करना बहुत मुशकिल हो गया है,
पर ऐसे कई सारे तरीके और पद्धति हैं जिसके जरिये
आप सरल और आसान तरीके से ही आरती कर सकते हैं और यह सम्पूर्ण पूजा भी होती है| धूप
सेवा आरती भी ठीक ऐसी ही एक पूजा पद्धति है|
अगर आप जन्माष्टमी के दिन धूप सेवा आरती कर रहें हैं तो उसके लिए दो धूपपात्र या धुनुची ले ले और अगर आप रोज की पूजा में श्री राधा कृष्ण के धूप सेवा आरती करना चाहते हैं तो उसके लिए आप एक ही धुनुची में धूप जला सकते हैं| धूप आरती के लिए बहुत से सामग्री की जरुरत नहीं होती है बस धूप यानि धूना, गुग्गुल और कपूर ले ले साथ आरती दीपक जलने के लिए घी या तिल के तेल| श्री कृष्ण और राधारानी को चढ़ाने के लिए फूल, चन्दन और तुलसी, अक्षत| अगर आप जन्मास्टमी के दिन यह पूजा कर रहे हैं तो शाम के समय कीजिये और अगर आम दिनों में ही कर रहे हैं तो दिन में दोबार यानि सुबह और शाम जरूर करें|
सबसे पहले राधाकृष्ण को सही तरह से श्रृंगार कर ले उसके बाद दोनों धूप जलाय और उन्हें 'एष धूपः ॐ श्री राधा कृष्णाय नमः' कहके निवेदन कर ले और फिर पुष्पांजलि दे| पुष्पांजलि देने के बाद धूप से और फिर पंचप्रदीप जलाकर आरती करें| आरती करने के बाद पुरे घर में धूप जरूर करें और साथ ही सबको प्रसाद स्वरुप धूप और दीप की आरती दे| उसके बाद सबको चरणामृत और अगर अपने भोग में कुछ लगाया है तो वो भी दे| इस तरह आप जन्माष्टमी के दिन और साथ ही नित्य पूजा में भी धूप सेवा आरती कर सकते हैं|

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