क्या विष्णु पूजा में अक्षत सम्पूर्ण बर्जित है? [VishnuPuja me yese puja kare Akhsat se]
वैसे तो चावल किसी भी देवता को चढ़ाया जा सकता है पर कुछ मान्यता के अनुसार भगवन विष्णु या शालिग्राम जी के पूजा में अक्षत इस्तेमाल करना बर्जित है| पर यहाँ पर एक बात ध्यान से समझना बहुत ही जरुरी है की शालिग्राम या विष्णु पूजा में 'केवल अक्षत' यानि कोरे अक्षत इस्तेमाल नहीं करना चाहिए चन्दन या हल्दी के साथ आप श्री हरी विष्णु को अक्षत अर्पित कर सकते हैं| भगवान विष्णु को पीले रंग सबसे ज्यादा पसंद है इसलिए अगर आप हरि चन्दन के रख या हल्दी में रंगे हुए चावल विष्णु पूजन में इस्तेमाल करेंगे तो इसमें किसी भी प्रकार की कोई दोष नहीं है| पुष्प, चन्दन के साथ भी अर्घ्य के रूप में भी आप अक्षत भगवान बिष्नु को चढ़ा सकते हैं पर केवल सफ़ेद अक्षत भगवान बिष्नु को नहीं चढ़ाना चाहिए| माता लक्ष्मी के साथ जब पूजा की जाती है कुमकुम से रंगे लाल रंग के चावल भी आप चढ़ा सकते हैं| ध्यान रखे शिव पूजा में कभी भी रंगीन चावल नहीं चढ़ाना चाहिए क्यों के भगवान शिव योगी है और उनके पूजा में चन्दन और भस्म के इलावा बाकि सारे रंगीन तिलक के सामग्री बर्जित है|
चावल को पूजा पत्र में यानि पुष्पपात्र में ही रखे और गंध पुष्प के साथ उसे चढ़े| हल्दी में भी चावल को रख सकते हैं जिससे चावल का रंग पीला हो जाता है और उसे आप उसके बाद पूजा के लिए साहड़ा सकते हैं| चावल को हल्दी में रख के रंगने की परंपरा पूर्वी उत्तरप्रदेश और बिहार में ज्यादा देखि जाती है| हरि चन्दन के साथ चावल भी केवल विष्णु पूजा या लक्ष्मी-नारायण पूजा के लिए इस्तेमाल करें|

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