धुनुची / धूपची का अर्थ ( Dhunuchi / Dhupachi )
धुनुची का अर्थ होता है धूना जलाने के पात्र | धूपर्ची एक द्रविड़ शव्द है जो की प्राचीन तमिल से आया है अर्चि यानि अर्चना पात्र के संदर्व में यह आता है | धुनुची या धूपची का अर्थ होता है धूप या धूना धूनी देने के अर्चन पात्र | इसके साथ कोई मुस्लिम या ईसाई का सम्बन्ध नहीं है | यह प्राचीन तंत्र यानि विधि के विषय से आता है | सिंधु सभ्यता में भी धुनुची यानि धूप देने वाले अर्चन पात्र मिला है | धातु धूप पात्र के विषय तमिल पुराने ग्रन्थ में भी कई बार उल्लेख मिलता है, आज भी धूप आराधना द्रविड़ परंपरा तथा बंगाल से बनारस तक बहुत ही प्रचलित | धूना धूप को सुरधूप कहा गया है जो की हमारे परंपरा है | लोबान के परंपरा मुग़ल कल से शुरू हुआ इसलिए आज भी यह उत्तरभारत में ज्यादा प्रचलित पूर्वी या दक्षिण भारत में नहीं | लोबान का कोई विरोध अगम नहीं करता है सिल्हक जैसे स्वर्ण लोहबान का उल्लेख अगम में है जो की बहुत से धूप सामग्री के साथ बने जाते थे पर केवल लोहबान क परंपरा हिन्दुओं में नहीं है और धुनुची से लोहबान का कोई सम्बन्ध नहीं | यह परंपरा आदि धूप परंपरा और धूप पात्र रूप में भी धुनुची परंपरा आदि कालीकुल और श्रीक...