गुग्गुल धूप [Guggul]


गुग्गुल एक वृक्ष है| इससे मिलनेवाले राल जैसे पदार्थ को 'गुग्गल' कहा जाता है जिसे धुप करने में इस्तेमाल किया जाता है| अगर भारत की बात करें तो भारत में इस जाति के दो प्रकार के वृक्ष पाए जाते हैं| यह भारत के कर्नाटक, राजस्‍थान, गुजरात तथा मध्य प्रदेश राज्‍यों में उगता है। कुछ कुछ जगह से प्राप्त गुग्गुल का रंग पीलापन लिए श्वेत तथा अन्य कई जगह का गहरा लाल होता है| इसमें मीठी सी एक महक रहती है जिसको अग्नि में जलाने पर यह जगह सुंगध से भर जाता है| इसलिये इसे धूप के रूप में व्यव्हार किया जाता है| 

अष्टांग से लेकर षोडशांग सारे धूप में ही आपको गुग्गुल के बारे में जानकारी मिलेगा| कहा जाता है धूना, गुग्गुल, कपूर एकसाथ जलाना धूप आरती के लिए सबसे उत्कृष्ट होता है| यह एक सुन्दर सी गंध आपके आसपास बना देती है और साथ ही बातावरण को शुद्ध कर देती है| आप जब भी धूप जलाय तब तब अपने घर के खिड़की और दरवाजे जरूर खुले हुए ही रखे इससे इसके धुआँ बाहर निकल जाएगी और साथ ही एक सुन्दर ही खुशबू आपके पूरी घर में रह जाती है| हो सके तो आप सुबह और शाम दोनों समय गुग्गुल से धूप करें और विशेष पूजा के दिन भी आरती करते हुए इसे जरूर जलाय| धूना, कपूर और गुग्गुल एक साथ जलाने से आपके घर से और मन से नेगेटिव एनर्जी यानि ऊर्जा कम हो जाती है और एक सकारात्मकता बानी रहती है जिससे आपको नए काम करने में और सोचने में नै ऊर्जा मिलती है|  

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