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जनवरी, 2019 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

माँ सरस्वती की धूप सेवा आरती कैसे करें [Saraswati Puja Dhoop Seva Aarti]

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वैसे तो सरस्वती पूजा हम घर पे करते ही है पर अगर आप कहें तो आप माँ सरस्वती की धुप सेवा आरती भी कर सकते हैं| पर उसके लिए आपको कम से कम तीनबार धूप से पूजा और साथ ही आरती करनी होगी, अगर आप चाहे तो सात बार भी इसे कर ही सकते हैं| आइये जानते हैं किस तरह से धूप सेवा आरती करना चाहिए| धूप से सेवा करने के लिए सबसे पहले यह ध्यान रहे ही धुनुची धूप से ही सेवा करना होगा| धूप को यहाँ नैवेद्य की तरह ही इस्तेमाल करना होगा और यह ध्यान में रहे की यह घ्राण के माध्यम से माता सरस्वती स्वीकार करेंगे और इसे उसके बाद प्रसाद स्वरुप ग्रहण किया जा सकता है इसके ताप लेकर| सबसे पहले मंगल आरती के साथ धूप सेवा करें सुबह पूजा शुरू करने से पहले ही आप धूप से माँ की सेवा करें और धूप यानि धूना, गुग्गुल, कपूर के साथ अर्पण करें और साथ में आरती करे संक्षिप्त में| इसके बाद पूजा के समय भी धूप अर्पण करें और धूप सेवा करें| इसके बाद मध्यान्ह के समय धूप अर्पण करके आरती करें और माँ को विश्राम करने को अनुरोध करें| इसके बाद शाम 4 बजे को उत्थान आरती करें और और साथ भी धूप सेवा भी करें धूप अर्पण के साथ| इसके बाद संध्या आरती के साथ भी...

गुप्त नवरात्रि में करें माँ अम्बे की धुनुची आरती [Gupt Navratri Me kare Dhunuchi Aarti]

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गुप्त नवरात्रि वैसे तो गृहस्थ नहीं मनाते हैं पर अगर आप चाहे तो इस दौरान माँ की धूप से आराधना और आरती कर सकते हैं| पर इस दौरान कोई भी भोग प्रसाद या फल माँ को चढ़ाकर ग्रहण न करें क्यों की यह उपासना का समय है नाकि किसी कामना के पूजा के इसलिए केवल माँ की धूप और आरती ही करें| आप चाहे तो कलश स्थापना कर सकते हैं नारियल के साथ नवरात्रि के साक्षी स्वरुप पर कोई भी फल या कुछ भी भोग न चढ़ाय केवल आराधना करें| गुप्त नवरात्रि साधकों के लिए होता हैं इसलिए गृहस्त इसे केवल आराधना के तौर पर ही मनाय नाकि कोई पूजा के तौर पर| यह उपासना और साधना का समय होता है इसलिए इस समय सबसे अच्छा होता हैं माँ की धुनुची धूप से आराधना और आरती करना| वर्ष 2019 में गुप्त नवरात्र माघ माह के शुक्ल पक्ष में 5 फरवरी से शुरू हो रही है, जिसका समापन 14 फरवरी को होगा|  गुप्त नवरात्रि आषाढ़ और माघ माह के शुक्ल पक्ष में मनाई जाती है| तंत्र पूजा के लिए गुप्त नवरात्रि को बहुत खास माना जाता है जो मूल रूप से माँ के उपासना के लिए होती है| माँ को पहले एक आसन दे और हो सके तो उसमे लाल रंग के कपड़े बिछा दे| अब माँ की छवि या मूर्ति को र...

आरती के लिए कभी न करें एक दीपक इस्तेमाल [Five Aarti Diya]

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वैसे तो हम रोज घरपे जब भी पूजा के लिए आरती करते हैं तो एक दीपक से ही आरती करते हैं पर यह बिलकुल भी कोई सही तरीका नहीं होता हैं आरती के लिए कम से कम पांच या सात बाती दीपक ही इस्तेमाल करना चाहिए| आजकल बाजार में पीतल के दीपक मिल जाते हैं आप उससे ही आरती कर सकते हैं| आरती के दीपक रोज साफ सफाई करना जरुरी है| आप आरती दीपक हमेशा तिल के तेल, सरसो के तेल या फिर देशी गहि से ही जलाय| आजकल बनष्पति घी भी मिलती है अगर आपको गाय के शुद्ध घी न मिले तो आप इसके प्रयोग भी कर सकते हैं| बहुत से समय मिटटी के एक दीपक जलाकर भी आरती करते हुए हम बहुत लोगों को देखते हैं पर यह आरती करने का सही तरीका बिलकुल भी नहीं है हमेशा धातु के दीपक में तीन, पांच और सात बत्ती जलाकर ही आरती करें| जब आप धूप से भी आरती करते हैं तो उसके लिए भी धूप पात्र पीतल के ही होना चाहिए| मिटटी के धुनुची इस्तेमाल करना सही नहीं है घर के पूजा के लिए|   आजकल आसानी से मार्केट में और साथ में ऑनलाइन भी आप पांच दीपक खरीद सकते हैं| धुनुची भी आप ऑनलाइन खरीद सकते हैं या फिर अगर आप कभी कोलकाता या बनारस जाये तो कई तरह के धुनुची आपको वह मिल जा...

वसंत पंचमी पर करें माँ सरस्वती की आरती [Maa Saraswati Aarti]

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वैसे तो तो हम सब विद्यार्थी है और इसलिए हर दिन अगर हम सरस्वती पूजा करें तो वह सबसे अच्छा रहता है पर अगर हम रोज सरस्वती पूजा न भी कर पाए तो वसंत पंचमी जिसे श्री पंचमी के नाम से भी जाना जाता है उस दिन माँ की आराधना जरूर करें| असल में पहले के समय में सरस्वती माँ नदी स्वरुप थी और इसलिए उनके तट पर ही आराधना करने विद्या आरम्भ किया जाता था| मन जाता है की उस समय भी इसी दिन से कोई नए पाठ का कार्य शुरू किया जाता था इसलिए जब सरस्वती पूजा मूर्ति में होने लगी तो भी इसी दिन को माँ सरस्वती की पूजा के लिए सबसे श्रेष्ठ और उत्तम दिन माना गया| आइये जानते हे कैसे कोई भी विद्यार्थी सरल और साधारण तरीके से माँ की उपासना कर सकते हैं| वैसे तो बहुत से लोग इस दिन सफ़ेद रंग के चीजों के साथ सरस्वती पूजा करते हैं पर इस दिन सबसे सही यही होता है की आप पीले फूलों के साथ यह पूजा करें| हम यहाँ आपको सहजता के साथ पूजा आरती पद्धति बता रहे हैं आप अपने हिसाव से इसमें कुछ काम ज्यादा कर सकते हैं क्यों के हर किसी के पूजा पद्धति अलग होते हैं और इसलिए किसी भी विषय को देखकर और सीखकर अपने हिसाव से ही करना चाहिए| पूजा में धूप धु...

बंगाल की धुनुची आरती [Benganl Dhunuchi/Dhunachi]

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अगर आप बंगाल में आरती के बारे में सही तरह से देखे हो तो अपने यह जरूर ही नोटिस किया है कि बंगाल में जो आरती होती है उसमे धूप आरती सबसे खास और साथ ही विशेष भी होती है| बंगाल से लेकर बिहार और बनारस में भी यह धूप आरती बहुत ही ज्यादा बिख्यात हुआ है| यह आरती और धूप करने कि प्रथा असल में बहुत ही पुराना है और सच कहे तो बहुत ही सुन्दर भी है| बंगाल में धूप आरती मतलब धुनुची आरती होती है| पीतल के धुनुची में धूप और गुग्गुल जलाकर आरती करना ही धूप आरती कहा जाता है| बंगाल में इसे धुना आरती भी कहते हैं और एक लोकाचार के तौर पे यह इस्तेमाल भी किया जाता है पुरे घर पे धूप करते हुए| आप आगरा बंगाल में जाते हैं तो देखेंगे कि सुबह और शाम बंगाल के घरों में धुनुची में धूप जलाकर सबसे पहले भगवान को दिखाई जाती है और उसके बाद फिर पुरे घर में इस धूप को भगवान के आशीर्वाद के स्वरुप दिया जाता है| माना जाता है कि इस धूप से घर पे रहनेवाले सारे नेगेटिव एनर्जी नष्ट हो जाते हैं और उसके साथ घर पे सकारात्मक ऊर्जा बानी रहती है| बंगाल में दुर्गापूजा हो या जगद्धात्री पूजा हो या लक्ष्मी पूजा कोई भी पूजा हो आरती ही इसमें सबस...

इस अमावस्या पर करें काली माँ की धूप आरती [Kali Maa Amavasya Dhoop Aarti]

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वैसे तो काली माँ के पूजा के कई सारे विधान है पर अगर आप बहुत ही सहज और सरल पद्धति से काली पूजा करना चाहते हैं तो उसके लिए सबसे सही होता है माँ काली की धूप पूजा या धूप आरती करना| इसके लिए बहुत से सामग्री और बहुत से चीजों की जरुरत नहीं होती है केवल धूप और दीप से ही आप पूजा कर सकते हैं| काली माँ की पूजा या धूप अगर आप घर पे ही कर रहे हैं तो कभी भी माँ की मूर्ति में पूजा न करें हमेशा फोटो में ही पूजा करें| आइये जानते हैं इस पौष अमावस्या को कैसे माँ काली की धूप आरती करें| सबसे पहले एक आसान ले ले जहाँ आप माँ की फोटो को रखेंगे और उसके ऊपर ही लाल कपडा जरूर बिछा ले| आप माँ को लाल पुष्प की माला पहनाय और लाल चन्दन और सिंदूर से तिलक करें| इसके बाद माँ के सामने धुनुची में धूप जलाय और धूप मंत्र के साथ उसे निवेदन करें| माँ को बिल्वपत्र, लाल पुष्प और रक्त चन्दन से पुष्पांजलि दे| इसके बाद आरती के लिए धूप और पंचा प्रदीप जलाय और इसे निवेदन करते हुए घंटी और शंख ध्वनि के साथ आरती करें| आरती के बाद माँ को प्रणाम करें और पुरे घर पे धूप जरूर दिखा दे| एक बात ध्यान में रखे की अगर आप धूप पूजन कर रहे हैं तो जो...

मंगल आरती से शुरू हुई नववर्ष 2019 [Mangal Aarti New Year 2019]

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अगर कोई भी नया कम शुरू करना हो तो आरती से बड़कर और कुछ हो ही नहीं सकता इस विषय को ध्यान में रखते हुए ही नए साल की शुरुवात में की कई मंगल आरती| वाराणसी गंगा घाट पर सुबह बनारस के माध्यम से अस्सी घाट पर सुबह की आरती की गई| धूप, दीप, कपूर के साथ नववर्ष के मंगल प्रार्थना के साथ गंगा आरती की गई| बाबा विश्वनाथ के मंदिर और माँ अन्नपूर्ण के मंदिर में भी आरती की गई और साथ में संकटमोचन सहित दुसरे मंदिर में भी मंगल आरती के साथ नव बर्ष की सुचना हुई| अज नवबर्ष पर दशाश्वमेध गंगा घाट पर भी विशेष संध्या आरती की जाएगी| जानकारी के लिए यहाँ बताना जरुरी हाय की बनारस में सुबह की आरती मूल रूप से अस्सी घाट पर होती है और संध्या आरती के रौनक दशाश्वमेध घाट पर ही विशेष होती है| कोलकाता के कालीघाट और दक्षिणेश्वर मंदिर में भी माँ की आरती के साथ दिन की शुरुवात हुई| नवबर्ष के मौके पर इस दौरान माँ के मंदिर में भक्तों के भीड़ भी पुरी दिन बनी रहेगी और संध्या के समय विशेष संध्या आरती देखने के लिए भी लोग प्रतीक्षा कर रहे हैं| वृन्दावन के बांके बिहारी मंदिर में भी आरती से दिन की शुरू हुई और राधा रमण मंदिर में भी नए साल की...