क्यों करते हैं पूजा के बाद आरती? अगर नहीं जानते तो जान ले इसके कारण [Why do the aarti after worship]


वैसे तो हम रोज घर पे पूजा करते हैं और साथ में आरती भी करते ही है| पर कभी अपने सोचा है की रोज आरती करने का क्या क्या फायदा हमारे रोज के दिनचर्या पर पड़ता है| पूजा चाहे छोटा हो या बड़ा हो आरती के बिना उस पूजा को सम्पूर्ण नहीं माना जाता है, पर आरती करने के कारण हम में से बहुत काम लोगों को ही पता है| आइये आज जानते हैं आरती करने के कुछ कारण-

आरती में घी, सरसो का तेल. टिल का तेल इस्तेमाल किया जाता है जो की पूरी तरह से प्राकृतिक होती हैं और आसानी से मिल भी जाती है| घी गाय के दूध से बना हुआ होता है जब इसे रुई की बाती से जलाई जाती हैं तो घी और प्राकृतिक तेल से एक बहुत ही अच्छी खुशबू आती है| साथ में आरती के लिए धूप भी जताई जाती हैं धुनुची धूप जिसे कहते हैं| पीतल के धुनुची में जब आप धूप जलता हैं राल यानि धूना और गुग्गुल के साथ तो उसका सुगंध चारो ओर फैल जाता है जो एक आध्यात्मिक बातावरण बन जाता है| धूप के सुगंध हमें पूजा में एकाग्र होने में ओर मन को शांत रखने में मदत करता हैं|

धूप दीप की यह सुगंध हमारे मन से ओर साथ ही घर में साडी नकारात्मक भावना ओर ऊर्जा को बाहर निकलता हैं ओर साथ ही मन में ओर घर पे एक सकारात्मक ऊर्जा पैदा करता है| अगर आप मंदिर में आरती करने के साथ साथ अपने पुरे घर पे भी आरती के धूप करेंगे तो यह आपके मन में हमेशा ही एक एनर्जी बने रखने में मदत करेगी| साथ ही कई समय हम रोज के पूजा में कपूर भी जलाते हैं जो जिसका सुगंध भी नकारात्मक ऊर्जा को बाहर निकलने में मदत करता ही है| 

अगर आपका मन विचलित हैं ओर आप किसी भी काम में मन नहीं लगा पा रहे हैं या फिर आप कोई काम ठीक से नहीं कर पा रहे हैं एकाग्रता अभाव के कारण तो आप रोज सुबह ओर शाम छोटा ही सही पर धूप ओर आरती जरूर करें| यह आपके मन को भी एकाग्र करेगा और साथ ही नकारात्मक ऊर्जा को भी बाहर निकालने में मदत करना जो कि आपके मन को शांत कर देगा ओर आप बहुत ही सही तरीके से कोई भी काम कर सकेंगे| 

ध्यान रखें कि आरती में कभी भी अगरबत्ती बिलकुल न जलाय यह आपको सकारात्मक ऊर्जा के जगह आपको नकारात्मक ऊर्जा भी दे सकता हैं क्यों के इसमें निकलने वाला धुंआ प्राकृतिक नहीं होता हैं और यह हमारे सेहत के लिए भी बहुत ही हानिकारक है| इसमें कई तरह के केमिकल भी होते हैं जो कि हमारे स्ट्रेस हार्मोन को कई समय बड़ा देता है| इसलिए घर पे हमेशा से पीतल के धुनुची से ही धूप जलाय जो कि नारियल छिलका और राल गुग्गुल से| दीया जलने में भी अगर संभव हो तो आप घी का दीया ही जलाय पर अगर आप तेल का दीया जला रहे हैं तो कोशिश करें ही तिल तेल का दीया जलाय| आप सरसो के तेल का भी दीया जला ही सकते हैं पर तिल तेल इस्तेमाल करना सबसे सही और अच्छा होता हैं सकारात्मक ऊर्जा के लिए| 

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